मध्यप्रदेश: इंदौर के एक अनाथालय में 4 से 14 साल के बच्चों के साथ कथित तौर पर बर्बरता का मामला सामने आया है.
अनाथालय में रहने वाले 21 बच्चों में से कई बच्चों ने इस घटना की शिकायत बाल कल्याण समिति से की.
शिकायत के बाद प्रशासन ने 12 जनवरी को अनाथालय का औचक निरीक्षण किया.
उसके बाद पुलिस ने अनाथालय के पांच कर्मचारियों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम, यानी जेजे एक्ट और आईपीसी की कई धाराओं में मामला दर्ज की है.
बताया जा रहा है कि जब मामला कोर्ट पहुंचा, तब पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
शिकायतकर्ता के बयान में कहा गया है कि छोटी सी गलती पर हमें उल्टा लटका कर गर्म लोहे से दागा गया और लाल मिर्च के धुएं से प्रताड़ित किया गया.
पिटाई के बाद कपड़े उतारकर तस्वीरें भी ली गई.
इसके अलावा, 4 साल के बच्चे को घंटों बंद रखा गया क्योंकि उसने कपड़े में शौच कर दिया था.
2-3 दिनों तक उसे खाना नहीं दिया गया.
इस मामले में एडिश्नल डीसीपी अमरेन्द्र सिंह ने कहा, "पीड़ित बच्चों के बयान के आधार पर इस मामले में पूछताछ की जा रही है, और इसके साथ ही FIR भी दर्ज की जा रही है. सभी एंगल से पूरी जांच-पड़ताल करके उसपर कार्रवाई की जाएगी. सभी 21 बच्चों की रेस्क्यू कर लिया गया है."
वहीं, आरोपी के वकील जयेश गुरबानी ने इस घटना को नकारते हुए कहा कि हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है.
इस अनाथालय में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा और मध्य प्रदेश के अनाथ बच्चे हैं. वे यहां कैसे पहुंचे, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है.
हालांकि, घटना के बाद अनाथालय को सील कर दिया गया है. वहीं, बच्चों को सरकारी संस्थानों में भेज दिया गया है. इस घटना को लेकर शिकायतकर्ताओं की मांग हैं कि आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो और मानव तस्करी के तहत भी मामला दर्ज किया जाए.