संगठनों ने आंतरिक मूल्यांकन को असाइनमेंट बेस्ड इवैल्यूएशन (एबीई) पद्धति पर कराने की मांग की।
ओबीई कराने का फैसला साफ तौर पर डीयू के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है। डीयू के डीन, एग्जामिनेशन द्वारा अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रेजुएट हेतु 19.02.2021 को दिया गया नोटिस उल्लेख करता है कि 31.10.2020 के नोटिस के अनुसार आंतरिक मूल्यांकन रखा जाएगा। इस नोटिस में साफ है कि कोविड-19 के कारण आंतरिक मूल्यांकन के तीन भागों - क्लास टेस्ट, ट्यूटोरियल टेस्ट और अटेंडेंस में से केवल एक भाग, इंटरनल असाइनमेंट, को ही करवाया जाएगा।
साथ ही, यह भी ज्ञात हो कि इस साल अकादमिक सेमेस्टर लगभग आधी-अवधि के हो चुके हैं, जबकि छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के लिए पूरा और व्यापक कोर्स पढ़ना है। यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के भी विरुद्ध है, जहाँ छात्र-केन्द्रित शिक्षा पद्धति को प्रोत्साहित करने की बात की गयी है। और-तो-और, आंतरिक मूल्यांकन और सेमेस्टर-अंत परीक्षा में कोई फर्क ही नहीं है, जिसके कारण छात्रों को फिजूल परेशानी उठानी पड़ रही है।
केवाईएस मांग करता है कि कुलपति और डीयू प्रशासन इस मामले को पूरी संवेदनशीलता के साथ देखें, और यह सुनिश्चित करें कि आंतरिक परीक्षा असाइनमेंट आधारित पद्धति के अनुसार हों।
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