गुरुग्राम: घरेलू कामगार यूनियन (जीकेयू) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को गुरुग्राम के सेक्टर-57 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुर्व्यवहार के मामले में जिला प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञात हो कि 10 दिसंबर को दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर 57 में नाबालिग मेड से मारपीट करने और अशलील वीडियो बनाने का मामला सामने आया था। इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपी महिला और उसके दो बेटों के खिलाफ दर्ज कर ली थी। 13 साल की नाबालिग लड़की पिछले क़रीब 6 महीने से सेक्टर 57 के एक घर मे काम करती थी। पीड़िता के परिजन का आरोप है कि 4 महीने से उनसे मिलने नहीं दिया गया, जिसके बाद पीड़िता की माँ ने अपने मालिक की मदद से अपनी बेटी की रेस्क्यू करवाया। पुलिस के अनुसार अभी भी मामले की जांच चल रही है।
वहीं जीकेयू के संयोजक डॉ माया जॉन ने सिटी मजिस्ट्रेट और उपायुक्त के ओएसडी से मुलाकात कर घरेलू कामगारों, विशेष रूप से पूर्णकालिक या 24 घंटे सातों दिन के लिए काम पर रखे जाने पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि घरेलू कामगारों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण के ऐसे मामलों के खिलाफ पुलिस द्वारा ढिलाई पूर्ण व्यवहार आम है। इस मामले के एफआईआर में पॉक्सो एक्ट लागू होने के बावजूद 4-5 दिनों के बाद भी दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। इसके अलावा जिस सिविल अस्पताल में बाल श्रमिक को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, वहां कर्मियों का आचरण उदासीन और बेहद असंवेदनशील था जो बहुत निंदनीय है।
यूनियन ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपकर मांग की कि पूर्णकालिक, सातों दिन 24 घंटे घरेलू काम, जो मालिकों को घरेलू कामगारों के यौन शोषण और उत्पीड़न का व्यापक अवसर देता है, उसपर प्रतिबंध लगाया जाना जाए। इसके अलावा, कामगारों के अधिकारों के किसी भी चार्टर में घरेलू कामगारों की कामकाजी परिस्थितियों को स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट किया जाना चाहिए जिसमें न्यूनतम मजदूरी, काम के घंटे, भोजन, छुट्टी के दिन, चिकित्सा व्यय आदि शामिल हो। प्रशासन को अनिवार्य रूप से जिले में घरेलू कामगारों का व्यापक सर्वेक्षण करना चाहिए। सर्वेक्षण के माध्यम से सभी घरेलू कामगारों और उनके नियोक्ताओं की एक रजिस्ट्री तैयार करना आवश्यक है।