केंद्रीय श्रम मंत्रालय पर बेरोजगारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के कार्यकर्ताओं ने आज केंद्रीय श्रम मंत्रालय (श्रम शक्ति भवनपर हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और सभी के लिए सम्मानजनक नौकरियों की माँग उठाई। संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रगतिशील संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। ज्ञात हो कि कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन से पहले भी देश में भारी बेरोजगारी थी| बेरोजगारी की दर पिछले 45 वर्ष की तुलना में अपनी ऊंचाई पर थी। महामारी और लॉकडाउन के बाद,देश भर में लाखों की संख्या में कामगारों की स्थिति और ज्यादा खराब हुई हैबेरोजगारी का स्तर लगभग 21% तक बढ़ गया है और  नौकरियों में काम करने की स्थिति और ज्यादा खराब हुई है।



केंद्र सरकार बेरोजगारों की समस्याओं पर तत्काल ध्यान देने के बजाय उदासीन बनी हुई है। संसद में पूछे गए प्रश्न के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की मौत और बेरोजगारी पर उसके पास आंकड़े नहीं हैं। सरकार ने जहाँ बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया हैवहीं उसकी नज़र के सामने श्रम कानूनों में बदलाव के चलते काम की स्थिति और अधिक खराब हुई है। इसके अलावामहामारी और लॉकडाउन के बहाने देश-भर में कामगारों को नौकरियों से निकाल दिया गया हैजबकि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लागू किए गए विभिन्न प्रावधानों से देश भर के पूंजीपतियों को अत्यधिक लाभ हुआ है।


इसी बीच लाखों की संख्या में कामगार जीने के लिए कठिन संघर्ष कर रहे हैंक्योंकि नौकरी की गारंटी देने वाली योजना मनरेगा से भी लोगों को काम नहीं मिल रहा है। केवाईएस केंद्र और राज्य सरकारों की उदासीनता की कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि सभी के लिए सम्मानजनक नौकरियों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। केवाईएस का यह भी कहना है कि मजदूरों के अधिकार को लेकर आने वाले दिनों में अपना संघर्ष जारी रखेगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !