नई दिल्लीः दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) मुख्यालय पर दिल्ली के कई इलाकों में अतिक्रमण हटाए जाने से बेघर हुए लोगों द्वारा पुर्नवास न दिए जाने के खिलाफ बुधवार को वामपंथी नेत्री सुचेता डे के नेतृत्व में आईएनए मेट्रो स्टेशन से डीडीए मुख्यालय तक रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन का आयोजिन किया गया। इस दौरान प्रदर्शन में लगभग 150 लोग शामिल हुए।
ज्ञात हो कि 16 जून को वसंत विहार स्थित प्रियंका गांधी कैंप में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बुल्डोजर चलाकर अतिक्रमण हटाया था। इससे पहले भी दिल्ली के कई इलाकों में डीडीए ने बुल्डोजर चलाकर अतिक्रमण हटाया गया था। जिससे सैंकड़ों परिवार बेघर हो गए। उन्हें नजदीकी रैन बसेरे में जाने के लिए कहा गया था। रैन बसेरे में रहने वाली एक महिला ने नाम न बताने के शर्त पर कहा कि रैन बसेरों में सुरक्षित माहौल नहीं है। वहां लोगों की ज्यादा संख्या होने के कारण अक्सर चोरी और छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती है। बेघर हुए सपना ने बताया कि उनकी छह बेटियां है। वे अपने बेटियों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। वहीं, प्रदर्शनकारी महिला रोशनी ने बताया, ‘रैन बसेरों में हम कैसे जाए? हम अपने जवान बेटियों को लेकर वहां कैसे जाए? वहां भीड़ है, आदमी है, उनके बीच में हम कैसे रहेंगे? हमारी मांग है कि जिस तरह हमारे झुग्गियों को तोड़ा गया है, उसी तरह हमें रहने के लिए घर दिया जाए।’
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही वामपंथी नेत्री सुचेता डे ने बुधवार को डीडीए मुख्यालय पर मीडिया को संबोधित व डीडीए और केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि अबतक जितने भी झुग्गियों तोड़ी गई है उनके पुनर्वास की गारंटी की जाए और पुनर्वास के बिना झुग्गियों को तोड़ना बंद किया जाए।