"अगर पिज्जा, बर्गर, स्मार्टफोन और कपड़े घर पर पहुंचाए जा सकते हैं, तो उनके दरवाजे पर राशन क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता है?" : Arvind Kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि उनकी सरकार द्वारा घर-घर राशन वितरण योजना को केंद्र ने क्यों रोक दिया और उनसे राष्ट्रीय हित में इसके कार्यान्वयन की अनुमति देने की अपील की।

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उन्होंने कहा कि इस योजना को कोविड-19 के मद्देनजर पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए अन्यथा राशन की दुकानें सुपर-स्प्रेडर्स के रूप में कार्य करेंगी।

केजरीवाल ने कहा, "अगर पिज्जा, बर्गर, स्मार्टफोन और कपड़े घर पर पहुंचाए जा सकते हैं, तो उनके दरवाजे पर राशन क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता है।"

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र, दिल्ली और झारखंड सरकारों, किसानों और लक्षद्वीप के लोगों सहित सभी के साथ लड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, "लोग व्यथित हैं कि केंद्र सरकार हर किसी से लड़ रही है। अगर हम इस तरह लड़ते हैं, तो हम कोविड-19 से कैसे निपटेंगे।"

केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली सरकार को योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्र की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन उसने किसी भी विवाद से बचने के लिए पांच बार अनुमति मांगी।"

दिल्ली सरकार ने शनिवार को दावा किया था कि राशन योजना की डोरस्टेप डिलीवरी को उपराज्यपाल ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि केंद्र की मंजूरी नहीं मांगी गई थी और इसके बारे में उच्च न्यायालय में एक मुकदमा लंबित था।

उन्होंने कहा कि इस योजना से दिल्ली के शक्तिशाली राशन माफिया का खात्मा हो जाता।

मुख्यमंत्री ने कहा, "यदि आप राशन माफिया के साथ खड़े हैं, तो गरीब लोगों के साथ कौन खड़ा होगा", उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में 72 लाख लोगों को लाभ पहुंचाना था।


:PTI


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