सबसे महत्वपूर्ण बात है कि घरेलू वैक्सीन का परीक्षण हो रहा है।
इससे ट्रायल सफल रहने के बाद टीका जल्द तैयार होने में भी कामयाबी मिलेगी।
अब तक 3 बच्चे इस वैक्सीन ट्रायल में शामिल हो चुके हैं।
NDTV के अनुसार, पटना एम्स के कोविड प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि 12 से 17 वर्ष की उम्र तक के बच्चों पर यह परीक्षण मंगलवार से शुरू किया गया।
पहले दिन कल तीन बच्चों को इसका इंजेक्शन दिया गया है।
इंजेक्शन लगाए जाने के बाद ये तीनों बच्चे स्वस्थ हैं।
डॉक्टर संजीव के मुताबिक, अगले एक महीने में 525 बच्चों पर इस तरह का ट्रायल किया जाना है।
इनमें से करीब 100 बच्चों (वालंटियर) ने अब तक रजिस्ट्रेशन कराया है।
इनकी स्क्रीनिंग के बाद चुने गए तीन बच्चों पर ट्रायल किया गया।
दूसरे चरण में बच्चों पर वैक्सीन का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं दिखने पर तीसरे चरण के तहत टीके की खुराक दी जाएगी और उसके प्रभावी पाए जाने पर टीके को अनुमोदन के लिए भेज दिया जाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत देश के कई बड़े नेताओं ने बच्चों के लिए तुरंत कोविड वैक्सीन की उपलब्धता की अपील की है, ताकि कोरोना की तीसरी लहर से उन्हें बचाया जा सके।
माना जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए कहर हो सकती है।
सिंगापुर में मिले एक कोरोना वैरिएंट का हवाला देते हुए केजरीवाल ने उस देश से हवाई सेवाएं तुरंत बंद करने का अनुरोध किया था।
साथ ही प्राथमिकता के आधार पर बच्चों के लिए वैक्सीन मुहैया कराने पर जोर दिया था।
अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों ने 16 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन को हरी झंडी दिखा दी है, लेकिन अभी ज्यादा छोटे बच्चों के लिए टीके पर दुनिया भर में ट्रायल ही चल रहे हैं।