भाजपा नेता बेकार की बयानबाजी की बजाय अपनी हालत पर करें विचार : सचिन पायलट

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा नेताओं को बेकार की बयानबाजी की बजाय अपनी हालत पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

NDTV

सचिन पायलट ने उनके बयान पर भाजपा नेताओं की बयानबाजी पर सोशल मीडिया के जरिए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आपसी फूट एवं अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य मे भाजपा विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही। इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी।




'आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया'

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने पायलट के बयान 'हमसे किए गए वादे दस महीने बाद भी पूरे नहीं' पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि कांग्रेस के भीतर चल रहे झगड़े और अंतर्कलह का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा को दोषी ठहराया था लेकिन आज हकीकत प्रदेश की जनता के सामने है।

ठीक इसी तरह उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड ने कहा था कि आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया। ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने अहम भूमिका निभाई थी। सुलह कमेटी के पास मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं।

कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट से दस माह पहले किए वादों को अब तक पूरा नहीं करा सका है। जो तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, वह भी अब तक निर्णय तक नहीं पहुंच सकी है। ऐसे में पायलट खेमे के फिर तीखे तेवर सामने आए हैं। इस खेमे का कहना है कि राजस्थान जैसे ही हालात पंजाब में हैं। लेकिन पंजाब में चार साल पहले ही कांग्रेस में आए नवजोत सिंह सिद्धू ने वहां के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के कामकाज को लेकर सवाल उठाए तो तत्काल सुलह कमेटी बनी और पन्द्रह ही दिन में मुख्यमंत्री और सिद्धू खेमे के विधायकों की सुनवाई हो गई।

पायलट खेमे का कहना है कि राज्य की कांग्रेस सरकार का आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है लेकिन दस माह पहले जो वादे किए थे वे अब तक पूरे नहीं किए गए हैं। पार्टी को सत्ता में लाने वाले कार्यकर्ताओं की सुनवाई न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। गौरतलब है कि पायलट ने पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार से बगावत कर करीब एक माह तक अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा जमाए रखा था।

उसके बाद प्रियंका, राहुल और सोनिया गांधी ने बात कर तीन सदस्यीय सुलह कमेटी की ओर से जल्द उनकी मांग पर कार्यवाही कराने को कहा था। लेकिन इसमें देर को लेकर पायलट लगातार बोलते रहे हैं। उनके समर्थक विधायक भी लगातार हमलावर हैं। अब पायलट खेमे ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि हमसे किए गए वादे दस महीने बाद भी पूरे नहीं हुए हैं। इस खेमे ने कहा, हमें समझाया गया था कि सुलह कमेटी तेजी से कार्यवाही करेगी लेकिन आधा कार्यकाल पूरा होने के बाद भी सभी मुद्दे अनसुलझे ही हैं।


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