
इंदौरा के मलोट औद्योगिक क्षेत्र में एक दवाई उद्योग में कार्यरत मजदूरों ने उद्योग के मुख्य गेट पर उद्योग प्रबंधन के खिलाफ धरना- प्रदर्शन किया। मज़दूरों ने उद्योग प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना कोई नोटिस जारी किए करीब 32 मजदूरों को उद्योग से बाहर निकाल दिया गया, जिसके खिलाफ मजदूरों ने उद्योग के बाहर मुख्य गेट पर उद्योग प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना-प्रदर्शन किया।
दिव्य हिमाचल के अनुसार, उद्योग में कार्यरत विजय कुमार, जतिन, नीरज, विक्रम, अजय, निखिल, राहुल, राकेश कुमार, रविंद्र, संदीप, दानिश, पवन कुमार व विशाल परमजीत आदि उद्योग में कार्यरत मजदूरों ने बताया कि उद्योग प्रबंधन ने बिना कोई नोटिस जारी किए करीब 32 मजदूरों को बाहर कर दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रबंधन पर मज़दूरों पर अत्याचार व दुव्र्यवहार जैसे संगीन आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि प्रबंधन मजदूरों पर अत्याचार कर रहा है और अब बिना किसी कारण के 32 मजदूरों को उद्योग से बाहर कर दिया गया है। मजदूरों ने बताया कि जब तक प्रशासन उन्हें इंसाफ नहीं दिलाता, तब तक उद्योग को चलने नहीं दिया जाएगा व उद्योग के मुख्य गेट के बाहर लगातर धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने सामान्य उद्योग निगम के उपाध्यक्ष मनोहर धीमान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मनोहर धीमान को मौके पर आकर मजदूरों को इंसाफ दिलाने की बात की गई, लेकिन मनोहर धीमान ने मजदूरों की कोई बात न सुनते हुए प्रदर्शन करते मजदूरों को पुलिस से उठाने की धमकी दे डाली। जिसके चलते मजदूरों ने मनोहर धीमान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना रोष व्यक्त किया।
एसडीएम इंदौरा सोमिल गौतम ने बताया कि मज़दूरों को न्याय दिलाया जाएगा। वहीं लेबर इंस्पेक्टर के साथ उद्योग प्रबंधन से मज़दूरों को बिना नोटिस जारी किए बाहर निकालने पर जांच की जाएगी। मजदूरों के हितों से खिलवाड़ कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उद्योग के मैनेजर सुरेश धीमान ने बताया कि उद्योग प्रबंधन ने रात्रि शिफ्ट बंद करने का फैसला लिया है, लेकिन मजदूरों की मांग को ध्यान में रखते हुए रात्रि शिफ्ट के सभी मजदूरों को दिन के समय काम पर लिया जाएगा, जिसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।