मजदूर संगठनों का भाजपा की बुलडोज़र राजनीति के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन


सीपीआई(एमएल) न्यू डेमोक्रेसी की दिल्ली कमेटी ने अन्य मजदूर संगठनों के साथ मिलकर भाजपा सरकार की बुलडोजर राजनीति के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया।

ज्ञात हो कि बुलडोजर राजनीति की शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई थी, जिसके बाद यह देश के कई हिस्सों में तेजी से फैली है। भाजपा की बुलडोजर राजनीति द्वारा एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया गया है, जिसमें ज्यादातर मध्यम व निम्न मध्यम वर्गों के लोग हैं।

सीपीआई (एमएल) न्यू डेमोक्रेसी का कहना है कि पार्टी विशेष रूप से प्रयागराज (इलाहाबाद) के सीएए विरोधी कार्यकर्ताओं को झूठे आपराधिक मामलों में फंसाने की निंदा करती है, उन्हें शहर में हिंसा की वर्तमान घटना से जोड़कर भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है। इस प्रक्रिया में एआईकेएमएस के अखिल भारतीय महासचिव कॉमरेड आशीष मित्तल को आपराधिक मामले में 69 अन्य नामजद और 5000 अज्ञात समेत 31 धाराओं के तहत जानबूझकर फंसाया है। कॉमरेड आशीष पर लगे आरोप और भी बेतुके हैं, क्योंकि हिंसक घटना वाले दिन 10 जून को वह एडीजे 2 के कोर्ट परिसर में मौजूद थे, जो हिंसा स्थल से कम से कम 8 किलोमीटर दूर है। कॉमरेड आशीष ने एआईकेएमएस तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर भारत के किसानों द्वारा हाल ही में विजयी धरने में नेतृत्वकारी भूमिका अदा की थी।

पार्टी का आरोप है कि भाजपा भारत के आम लोगों की आजीविका और नौकरी की सुरक्षा को निशाना बना रही है। यह सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी मुद्दों को उठा रहा है और अपने सरकारी तंत्र के माध्यम से मुसलमानों के जीवन और आजीविका पर खुलेआम हमला कर रहा है, लेकिन इसी आड़ में आम लोगों पर हमला हो रहा है। 'अवैध' संरचनाओं को लक्षित करने के नाम पर दिल्ली भर में छोटे खुदरा विक्रेताओं पर एक तोड़ फोड़ की गई। लाइसेंसी खोखे, दशकों से चल रही छोटी दुकानों और किसी खास धर्म के रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले वाले को भी व्यवस्थित तरीके से खदेड़ दिया गया ताकि बड़े खुदरा कारोबार के लिए जगह बनाई जा सके। इसी तरह, भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा इस्लाम विरोधी हमलों की पृष्ठभूमि में, सेना की नौकरियों को अनुबंधित करने के लिए अग्निपथ योजना आई है। इसका उद्देश्य स्थायी सेवानिवृत्त लोगों द्वारा प्राप्त पेंशन को बचाना और रक्षा सामानों के वित्त आयात को बचाना है। पूरे देश में युवा स्वतःस्फूर्त विरोध में सामने आए हैं लेकिन केंद्र सरकार उनके गुस्से और हताशा को 'प्रायोजित' के रूप में चित्रित करना चाहती है। कीमतें बढ़ रही हैं, नौकरियों का अनुबंध किया जा रहा है और श्रम कानूनों को चार लेबर कोडों में समेट खत्म किया जा रहा है।

पार्टी ने केंद्र सरकार से प्रयागराज में सीएए विरोधी कार्यकर्ताओं के खिलाफ विशेष रूप से एआईकेएमएस के महासचिव कॉमरेड आशीष मित्तल के खिलाफ मामलों को वापस लेने के लिए सुनिश्चित करने का आह्वान किया हैं। साथ ही सरकार से अग्निपथ योजना को भी वापस लेने की मांग किया हैं।

विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली सीपीआईएमएल न्यू डेमोक्रेसी की ओर से कॉमरेड मृगांक, सुचेता डे (सीपीआईएमएल लिबरेशन दिल्ली कमेटी), कॉमरेड शमशुल इस्लाम (निशांत नाट्य मंच) , जन हस्तक्षेप से डॉ विकास बाजपेयी, डॉ अनिमेष दास इफ्टू दिल्ली के अध्यक्ष, कॉमरेड पूनम कौशिक महासचिव प्रमस, कॉमरेड राजीव (पीडीएसयू व एनबीएस) अर्जुन प्रसाद (दिल्ली पीपल फ्रंट), कॉमरेड योगेश (बिगुल), कॉमरेड पृथ्वी (मजदूर एकता केंद्र), आईएमके से मुन्ना प्रसाद, इफ्टू(सर्वहारा) से सिद्धांत और कॉमरेड अपर्णा (इफ्टू) मौजूद रहे।

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