कक्षा के पहले दिन ही DU-SOL में पढ़ने वाले छात्रों को मिली निराशा

दिल्ली विश्वविद्यालय के मुक्त शिक्षा विद्यालय (SOL) में पढ़ने वाले छात्रों को पहले दिन की कक्षा में अफरा तफरी के कारण मिली निराशा। कई स्टडी सेन्टरों पर छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त करने पहुंचे लेकिन भारी कुप्रबंधन के कारण छात्रों को निराश होकर घर लौटना पड़ा। कई छात्रों को तो सेन्टरों पर सीटों की कमी के कारण कक्षा के बाहर ही बैठना पड़ा जो तस्वीरों में देखा जा सकता है।

फ़ोटो: कक्षा के बाहर बैठे छात्र |1

एसओएल ने 25 दिसम्बर, रविवार के दिन कई महाविद्यालयों में राजनीतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र और बी.कॉम के छात्रों के लिए कक्षाएं आयोजित की थी। जिसके बाद स्टडी सेन्टरों पर भारी संख्या में छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त करने पहुंचे। कक्षाओं में जाने के लिए छात्रों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा जो नीचे तस्वीरों में देखा जा सकता है। वहीं छात्रों को स्टडी सेन्टरों पर सीटों की कमी के कारण कक्षा के बाहर ही बैठना पड़ा या कहे तो भारी कुप्रबंधन के कारण निराश होकर घर लौटना पड़ा।

फ़ोटो: कक्षा के लिए लंबी कतारों में खड़ी छात्राएं |2

ज्ञात हो कि नवंबर में रेगुलर कॉलेज के छात्रों के लिए कक्षाएं शुरू हो गई थीं, जबकि एसओएल छात्रों की कक्षाएं बहुत देर से शुरू की गईं, और वह भी अल्पसंख्यक समुदाय के त्योहार, क्रिसमस के दिन, जो अन्य सभी छात्रों के लिए छुट्टी का दिन है।

पहले भी छात्र-छात्राएं ऐसी समस्याओं से जूझ चुके हैं
कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन से पूर्व वर्ष 2018, 2019 और 2020 में भी छात्रों को समान समस्याओं सामना करना पड़ा था चाहे वह स्टडी मटेरियल की समस्या हो या कक्षाएं की। जिसके चलते बार बार छात्र-छात्राओं को सड़कों पर उतरना पड़ता था। आज भी वही स्थिति देखने को मिलता है।

केवाईएस ने की कुप्रबंधन की कड़ी भर्त्सना
क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने इस कुप्रबंधन पर एसओएल प्रशासन की कड़ी भर्त्सना की है। जिसमें केवाईएस से भीम ने कहा कि सभी स्टडी सेंटरों पर भारी कुप्रबंध था। नॉर्थ कैम्पस के आर्ट्स फैकल्टी में राजनीतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र और बी.कॉम छात्रों के लिए कक्षाएँ आयोजित की गयी थीं। लेकिन, सैकड़ों छात्राओं को जगह की कमी के कारण वापस लौटने को मजबूर किया गया। बहुत से स्टडी सेंटरों पर तो छात्रों को अंदर भी नहीं जाने दिया गया, क्योंकि सभी सेंटरों पर केवल कुछ ही कक्षाओं को एसओएल के छात्रों के लिए दिया गया था, जबकि हर साल 1.5 लाख से भी छात्र एसओएल में एडमीशन लेते हैं।

SOL प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
केवाईएस ने एसओएल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिसमें उन्होंने कहा, "हजारों की संख्या में छात्रों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा क्योंकि उन्हें कॉलेज आने के लिए खर्चा करना पड़ता है। आर्ट्स फैकल्टी में छात्राओं को ज़मीन और खिड़कियों पर भीड़ के कारण बैठकर पढ़ना पड़ा। 400 से ज्यादा छात्रों को कक्षाओं में ठूँसा जा रहा था जबकि और भी कक्षाएँ उपलब्ध थीं। यही नहीं भीड़ इतनी ज्यादा थी कि छात्राओं को आर्ट्स फैकल्टी गेट से ही लाइन लगाने को मजबूर किया गया। ज्ञात हो कि सभी सेंटरों पर सिर्फ 7-8 कक्षाएँ खुली थीं, जबकि 50 से ज्यादा कक्षाएँ इन सभी सेंटरों पर उपलब्ध थीं। और तो और, छात्रों से स्टडी सेंटरों पर मौजूद गार्डों, प्रशासनिक स्टाफ और यहाँ तक कि शिक्षकों ने बदतमीजी की और ज़बरदस्ती उन्हें क्लासों और सेंटरों के बाहर जाने को मजबूर किया गया। इसके साथ ही, छात्रों को अभी तक स्टडी मटेरियल भी नहीं दिये गए हैं। यूजीसी द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देशों के तहत ओपन व डिस्टेंस संस्थानों द्वारा छात्रों को प्रिंटेड स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इन अनिवार्य निर्देशों को उल्लघंन करते हुए एसओएल ने छात्रों को स्टडी मटेरियल वेबसाइट से पढ़ने की सूचना देकर छात्रों के साथ बड़ा धोखा किया है। इस सेमेस्टर में छात्रों को केवल 10 कक्षाएँ ही दी जा रही हैं, जबकि छात्रों को साल में 44 कक्षाएँ दिये जाने का एसओएल प्रशासन इससे पहले वादा कर चुका है। डीयू और एसओएल प्रशासन द्वारा फैलाई अव्यवस्था के चलते बहुसंख्यक छात्र परीक्षाओं में फेल होंगे।"

फ़ोटो: कक्षा में बैठी छात्राएं | 3

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !