दिल्ली के वसंत विहार में चला NDRF का बुलडोजर, सैकड़ों परिवार हुए बेघर..

जेसीबी द्वारा तोड़े जा रहे झुग्गियां

दक्षिणी दिल्ली: वसंत विहार स्थित प्रियंका गांधी कैंप में शुक्रवार को एनडीआरएफ ने जिला प्रशासन, डूसिब और दिल्ली नगर निगम के सहयोग से अतिक्रमणरोधी अभियान चलाया। इसके तहत करीब सैंकड़ों झुग्गियों का ध्वस्तीकरण किया गया। कार्रवाई के दौरान किसी भी तरह के उपद्रव इत्यादि को रोकने के लिए मौके पर दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान तैनात रहे। बता दें कि एनडीआरएफ द्वारा झुग्गीवासियों को 15 जून तक खाली करने का एक नोटिस दिया गया था। जिसके बाद से पानी और बिजली कनेक्शन इत्यादि काटने के बाद कार्रवाई की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि नोटिस के बाद से ही वे लोग उनके रहने की उचित व्यवस्था करने के लिए स्थानीय विधायक और पार्षद कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे लेकिन कोई लाभ नहीं मिला।

गौरतलब है कि शुक्रवार तड़के करीब छह बजे एनडीआरएफ काफी संख्या में दिल्ली पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों व बुल्डोजर इत्यादि के साथ मौके पर पहुंची। इसके बाद झुग्गीवासियों को बाहर निकालकर अतिक्रमणरोधी अभियान के तहत झुग्गियों के ध्वस्तीकरण का कार्य शुरू किया गया। वहीं, मौके पर मौजूद झुग्गीवासियों ने बताया कि वे यहां लगभग 20 साल से ज्यादा समय से रह रहे थे। लेकिन अब उनके सिर से छत तक हट गई है और निवास की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है।

कैम्प निवासी मजदूर वृंदावन

कैम्प निवासी, मजदूर वृंदावन ने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें रैन बसेरे में जाने को बोला है। रैन बसेरों में कई तरह के लोग रहते है और वहां लोगों का आना जाना लगा रहता है। वे 2002 से कैंप में रह रहे थे। अपना एक-एक पैसा बचाकर उन्होंने घर बनाया था। मेरे दो बच्चे भी हैं जो वसंत विहार के सर्वोदय विद्यालय में पढ़ते हैं। जिनकी सुरक्षा रैन बसेरा में नहीं हो पाएगी।

कैम्प निवासी मजदूर पप्पू

बेलदारी का काम करने वाले मजदूर पप्पू ने आधार कार्ड दिखाते हुए कहा, 'हम यहां करीब 22 सालों से रह रहे है। हमारे पास आधार कार्ड यहीं का है। यहीं रहकर बेलदारी का काम कर रहे हैं। ऐसे में हम क्या मकान का किराया देंगे? अब घर कैसे चलाएंगे?'

कैम्प निवासी महिला मजदूर रेणु

वहीं, महिला मजदूर रेणू ने बताया कि जब वे 20-25 सालों से यहां रह रहे थे तब यह गैरकानूनी नहीं थी? आज एनडीआरएफ कह रही है कि वे गैरकानूनी ढंग से रह रहे हैं। उन्हें बाहर निकाल कर फेंक दिया गया।

'जहां झुग्गी वहां मकान' का किया वादा निभाया नहीं

जीकेयू की सदस्य नंदन

घरेलू कामकाजी यूनियन के सदस्य नंदन ने कहा, 'चुनाव के समय हमसे वोट लेने वाले स्थानीय विधायक और पार्षद भी आज हमारे समर्थन में नहीं खड़े हैं। वहीं, कुछ पुलिसकर्मियों ने महिलाओं पर हाथ उठाया है। पुलिस ने कुछ अभिभावकों को उठा कर जेल में ले गए, उनके छोटे-छोटे बच्चे यहां पर अकेले हैं। सरकार ने जहां झुग्गी वहां मकान का वादा किया लेकिन निभाया नहीं।'

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