DU के आर्ट्स फैकल्टी पर SOL और Regular छात्रों का विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसिया बर्बरता, कई छात्रों के कमीज फाड़े, गर्दन पर मिला चोट का निशान

फोटो: पीड़ित छात्र

क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और दिल्ली विश्वविद्यालय के रेगुलर छात्रों के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। जिसके बाद पुलिस द्वारा बलपूर्वक, छात्रों को हिरासत में लेकर बुरारी थाना ले जाया गया।

छात्रों के साथ की गई बर्बरता

छात्र प्रतिनिधि अपनी मांगों का ज्ञापन देने छात्रों का प्रतिनिधि मण्डल उच्च अधिकारियों के पास गया था, उसी दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल छात्र-छात्राओं को पुलिस ने जबरन हिरासत में लेकर बुरारी थाना ले जाया गया। एसीपी के मनमानी पूर्ण आदेश द्वारा लगाई गई धारा 144 के हवाले से छात्र-छात्राओं के साथ बर्बरता की गई। जहां इस प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में छात्र शामिल हो रहे हैं, विश्वविद्यालय अधिकारियों के आदेश पर हो रही हिंसा, आंदोलन को खत्म करवाने, छात्रों को डराने का नाकाम प्रयास है। वहीं छात्रों ने बताया कि बिना खाकी वर्दी के कुछ गुंडे भी पुलिस के साथ मिलकर उनपर गाली - गलौज करते हुए हमला किया, कमीज फाड़े, और एक छात्र के गर्दन पर गहरे चोट का निशान पाया गया।

बता दें कि छात्रों ने मई-जून चक्र में परीक्षाओं के आगामी मोड के संबंध अपनी शिकायतें उठाई हैं और इस सेमेस्टर के लिए एक आपातकालीन उपाय के रूप में ओपन बुक परीक्षा (ओबीई) की मांग की है।

ज्ञात हो कि 17 फरवरी को डीयू के दोबारा खुलने के बावजूद एसओएल के छात्रों ने उचित और पर्याप्त ऑफलाइन कक्षाएं (अकादमिक काउंसलिंग सत्र) नहीं मिलने की शिकायत की है। इसके अलावा, चौथे और छठे सेमेस्टर के छात्रों के एक बड़े हिस्से को पूरा प्रिंटेड स्टडी मैटीरियल नहीं मिली है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ओडीएल/दूरस्थ संस्थानों में छात्रों को यूजीसी विनियम, 2020 की शर्तों के अनुसार, प्रवेश के समय ही छात्रों को अध्ययन सामग्री मिल जानी चाहिए। इन मुद्दों को स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के छात्रों के लिए जानबूझकर बनाए रखा जाता है। इन में से अधिकांश छात्र हाशिए के समुदायों और वंचित सामाजिक-आर्थिक वर्गों से हैं।

ऐसे में छात्रों को अपने पाठ्यक्रम और सिलेबस का भी पता नहीं होता है और बिना कक्षाओं और स्टडी मटेरियल के छात्रों को सामूहिक रूप से फेल करने के लिए जमीन तैयार की जा रही है। दूसरे और तीसरे वर्ष के जिन छात्रों की परीक्षा मई में होनी है, उनके लिए स्थिति विकट है। उन्हें अब तक कोई स्टडी मैटीरियल नहीं मिला है और न ही छात्रों की इस बार-बार होने वाली समस्या के समाधान के लिए कोई कदम उठाया गया है।

इसके अलावा, ये मुद्दे एसओएल में कोई अलग-थलग वाकिया नहीं हैं। बल्कि, ये पिछले कई वर्षों से बार-बार सामने आ रहे हैं और इनके संबंध में केवाईएस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को कई बार ज्ञापन भी दिये हैं। हालांकि, यह समस्याएं और बदतर रूप में जारी हैं।

समय पर स्टडी मैटेरियल, पूरी कक्षाएं व ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड दोनों में ओबीई का विकल्प देने की मांग

प्रर्दशन कर रहे छात्रों ने बताया कि परीक्षा के तरीके को लेकर भी छात्रों में अफरा तफरी है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि रेगुलर कॉलेजों और स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) सहित कई छात्र चौथे और छठे सेमेस्टर के लिए परीक्षा की पद्धति को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि डीयू मई में फिजिकल मोड परीक्षा आयोजित करेगा। यह अत्यधिक समस्याग्रस्त है क्योंकि छात्रों के यह बैच इस मोड में बिना किसी अनुभव के पहली बार फिजिकल मोड में परीक्षा देंगे। इसके अलावा, देश भर से लोग डीयू में पढ़ते हैं और कईयों के लिए फिजिकल मोड परीक्षा के लिए दिल्ली आना असंभव होगा। इस प्रकार की परीक्षाएं ओपन बुक परीक्षा (ओबीई) प्रारूप में आयोजित की जानी चाहिए, और ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों का विकल्प दिया जाना चाहिए।

केवाईएस ने ओपन बुक परीक्षा (ओबीई) मोड में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड के विकल्प के साथ दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों की परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। एसओएल प्रशासन को सभी इच्छुक छात्रों के लिए ऑफलाइन कक्षाओं के साथ-साथ सभी एसओएल छात्रों को तुरंत पूरा स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराना चाहिए। छात्र समुदाय के व्यापक हित में पाठ्यक्रम पूरा होने के कम-से-कम एक महीने बाद परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।

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