बिहार : चक्रवाती तूफान 'यास' की वजह से जल संसाधन विभाग ने जारी किया 'SOP'

चक्रवाती तूफान 'यास' के वजह से ASE, JE और हीटवेव पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की। 

बिहार में भी 27 से 30 मई के बीच संभावित असर और खासकर दक्षिण एवं मध्य बिहार के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने अपने अधिकारियों एवं अभियंताओं को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। 

इसके अलावा उन्हें राहत और बचाव के लिए एहतियाती उपाय करने का भी निर्देश जारी किया गया है।




जल संसाधन विभाग ने जारी किया "स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोटोकॉल (SOP)"

जल संसाधन विभाग ने बताया कि विभाग की ओर से संभावित बाढ़ के मद्देनजर सभी संवेदनशील और अतिसंवेदनशील जगह पर पर्याप्त मात्रा में बचाव सामग्री के साथ यात्रा में मैन पावर की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। 

जल संसाधन विभाग के सचिव राजीव हंस ने बताया कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव को कम करने के लिए विभाग ने स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोटोकॉल (SOP) जारी किया है। 

इसके साथ ही अधिक बारिश होने की वजह से अगर किसी तट या अन्य स्थान पर सुरक्षा के लिए बाढ़ से बचाव की जरूरत हुई तो मदद फौरन पहुंचे इसकी भी तैयारी की जा रही है।




भारी बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका

जल संसाधन विभाग के सचिव राजीव हंस ने यह भी बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए संवेदनशील स्थान पर सामग्री के भंडारण के साथ कम से कम 100 मजदूरों की व्यवस्था की जा रही है। 

विभाग के सचिव ने कहा कि संभावित भारी बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर भी बढ़ने की उम्मीद है। 

उन्होंने बताया कि इसलिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सभी तरह के बराज और अन्य संरचनाओं के पास नदी के जल स्तर पर को हर 3 घंटे के अंतराल पर नोट करें और इसकी जानकारी मुख्यालय को भेजें।




सभी डैम की लगातार निगरानी की जा रही है

राजीव हंस ने कहा कि बिहार के अंतर्गत आने वाले सभी डैम की लगातार निगरानी की जा रही है। 

उन्होंने बताया कि डैम से स्पिल ओवर की स्थिति के संबंध में जिला पदाधिकारी और मुख्यालय को अलर्ट मैसेज भेजा जाएगा ताकि उस पर फौरन कार्रवाई की जा सके। 

उन्होंने यह भी बताया कि विभाग द्वारा सभी गेट बराज यानी इंद्रपुरी बराज, वाल्मीकिनगर बराज, कोसी बराज, उदेरा स्थान बराज, रामपुर लवाइज बराज पर निगरानी रखने के लिए इंजीनियर की प्रतिनियुक्ति की गई है। 

उनके द्वारा दक्षिण बिहार में विभाग के अंतर्गत सभी 23 जलाशयों और नदी के जलस्तर को भी प्रत्येक 3 घंटे के अंतराल पर नोट कर मुख्यालय को भेजा जाएगा।




(नोट: यह खबर नवभारत टाइम्स से लिया गया है।)

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