एक संगठन ने गांवों में इलाज मुहैया कराने में सरकारी विफलता की कड़ी भर्त्सना की

छात्र संगठन क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ग्रामीण इलाकों में इलाज मुहैया कराने में केंद्र और राज्य सरकारों की विफलता की कड़ी भर्त्सना करता है, जिसके कारण कोरोनावायरस की दूसरी लहर में गांवों में पूरे-पूरे परिवारों की मौत हो रही है। 

कोरोनावायरस की दूसरी लहर ग्रामीण इलाकों के लिए घातक साबित हुई जो न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं, साथ ही मीडिया की पहुंच से भी दूर हैं जो इस संकट को उजागर कर सके। 

आज जब भारत तेज़ी से बढ़ते कम्युनिटी संक्रमण की स्थिति में है जिसमें लगातार वायरस म्यूटेट हो रहा है, यह बीमारी दूरदराज गांवों और कस्बों तक वृहद रूप से फैल गई है, जिनमें हमेशा से स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। 

वहां न केवल बड़े मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों की कमी है, बल्कि प्राथमिक उपचार केंद्रों और एंबुलेंस सुविधाओं का भी अभाव है। 

मौजूदा स्वास्थ्य संसाधनों का बड़ा हिस्सा शहरी इलाकों तक सीमित है, जिसके कारण  गांवों में इलाज, ऑक्सीजन और दवाइयों के अभाव में कई परिवार मौत का शिकार बन रहे हैं। 

ग्रामीण आबादी को हमेशा से ही  स्वास्थ्य सेवाओं को पाने के लिए या तो लंबी दूरी तय करनी पड़ती है या फिर झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर होना पड़ता है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक आंकड़े के अनुसार भारत में 57% एलोपैथी डॉक्टर झोलाछाप हैं एवं डॉक्टर कहे जाने के लिए अयोग्य हैं। 

गांव की पिछड़ी और गरीब आबादी को मजबूरी में इन्हीं डॉक्टरों पर निर्भर होना पड़ता है, क्योंकि वे अस्पतालों तक पहुंच ही नहीं पाते। 

यह गंभीर स्थिति कोरोनावायरस की दूसरी लहर में और खतरनाक रूप ले चुकी है जब ग्रामीण आबादी का बहुसंख्यक हिस्सा कोविड टेस्ट तक करा पाने में असमर्थ है, संसाधनों की कमी के कारण इलाज कराना लगभग नामुमकिन हो जाता है। 

ये लोग शहरी सोशल मीडिया नेटवर्किंग की पहुंच से बाहर हैं, और अपने परिवारजनों की मौत देखते हुए भी अपनी जान बचा पाने में असमर्थ हैं। 

केवाईएस मांग करता है कि देश-भर में मेडिकल कैंप लगाए जाएं जिसमें ग्रामीण को न केवल कोरोनसायरस टेस्ट, बल्कि साथ ही उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी अन्य बीमारियों की जांच की भी सुविधा मिले, क्योंकि ये बीमारियां कोविड-19 से मिल कर मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। 

सरकार को संसाधनपूर्ण प्राथमिक उपचार केंद्र हर गांव में बनाने की जरूरत है जिससे किसी व्यक्ति को इलाज के अभाव में अपने जीने के अधिकार से हाथ न धोना पड़े। 

केवाईएस देश भर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अपने जन स्वास्थ्य अधिकार अभियान को तेज़ करने का प्रण लेता है।

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