असाइनमेंट जमा करने की इतनी कम अवधि के कारण छात्रों में चिंता की स्थिति बनी हुई है जो कोविड 19 संबंधी प्रतिबंधों, लॉकडाउन, स्टडी मटेरियल की कमी, कोरोनावायरस से ग्रसित होने जैसी तमाम वजहों के कारण सबमिशन की अवधि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। यह भी ज्ञात हो कि छात्रों के एक बड़े हिस्से को अभी तक किताबें नहीं मिली हैं। ऐसी स्थिति में इतनी छोटी अवधि में विषय के बारे में पढ़ना और असाइनमेंट बनाना बेहद मुश्किल है। ज्ञात हो कि देश में स्वास्थ्य संकट के कारण बहुत चिंताजनक स्थिति है। महामारी और स्वास्थ्य संकट के चलते लाखों लोगों में संक्रमण और रोज़ाना हजारों मौत के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में छात्रों का एक बड़ा हिस्सा या तो खुद बीमार है या बीमार घर वालों का ध्यान रखने में व्यस्त है, या किसी करीबी को खो चुके हैं। इसके साथ ही कई राज्यों में लॉकडाउन है जिसके कारण असंख्य परिवारों ने अपनी आय के साधन खो दिए हैं। असाइनमेंट जमा करने को मौजूदा संकट से ज्यादा जरूरी नहीं आंका जा सकता है। इतनी छोटी अवधि के कारण छात्रों में अफरा तफरी फैलेगी और छात्रों का एक बड़ा हिस्सा निष्पक्ष मूल्यांकन से वंचित होगा।
केवाईएस ने इग्नू कुलपति को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि असाइनमेंट जमा करने की अवधि कम से कम एक महीना बढ़ाई जाये। साथ ही, सभी छात्रों को तुरंत किताबें और स्टडी मटेरियल मुहैया कराया जाए। छात्रों से कोई एग्जाम फीस नहीं ली जाए, और जो छात्र एग्जाम फीस भर चुके हैं उन्हें फीस वापस की जाए। इसके अतिरिक्त, सभी स्टडी सेंटरों, रीजनल और हेड ऑफिस के सभी अधिकारियों को छात्रों के सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य किया जाए।