डीयू खोलने को लेकर व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और एफ़वाईयूपी के खिलाफ प्रदर्शन



दिल्ली: क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस), आईसा और एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को अन्य प्रगतिशील संगठनों के साथ मिलकर दिल्ली विश्वविद्यालय कुलपति कार्यालय पर आयोजित प्रदर्शन में हिस्सेदारी निभाई। यह प्रदर्शन डीयू खोलने को लेकर व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और एफ़वाईयूपी के खिलाफ आयोजित किया गया था।


विरोध प्रदर्शन में डीयू कुलपति का पुतला भी फूंका गया।


साथ ही, कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीयू प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाक़ात कर उन्हें अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा।

ज्ञात हो कि एनईपी 2020 पिछले साल मोदी सरकार द्वारा महामारी के दौरान लाया गया था। पिछले कई सालों से इसके विरोध के बावजूद पिछले साल लायी गयी इस नीति में आरएसएस, उद्योगों और कॉरपोरेट क्षेत्रों की अनुशंसाओं को खुले तौर पर शामिल किया गया है। नई शिक्षा नीति देश में शिक्षा की बिलकुल खस्ता हालत को बद-से-बदतर बनाएगी। मौजूदा दोहरी शिक्षा नीति के तहत प्राइवेट और सरकारी स्कूलों द्वारा समाज में गैरबराबरी बनी हुई है। एनईपी 2020 द्वारा भाजपा सरकार व्यवसायिक शिक्षा (वोकेशनल एजुकेशन) और अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से गैरबराबरी को बढ़ावा दे रही है, और गरीब और हाशिये के समुदायों के छात्रों को अनौपचारिक श्रम बाज़ार में धकेल रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में, शिक्षा के अनौपचारीकरण, फण्ड में कटौती, सीटों की संख्या घटाना, फीस बढ़ोतरी, आदि से बहुसंख्यक छात्र अच्छी और औपचारिक उच्च शिक्षा प्रणाली से वंचित होंगे।

इस नीति के आने के एक साल बाद इसके द्वारा लाए प्रतिगामी बदलाव साफ देखे जा सकते हैं। अभी से इस नीति द्वारा कई प्रतिगामी बदलाव लाए गए हैं, उनका एक उदाहरण है यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) द्वारा लाया गया ब्लेंडेड लर्निंग, जिसके तहत उच्च शिक्षण संस्थान सभी (स्वयं कोर्स के अलावा) कोर्स में 40% पाठ्यक्रम ऑनलाइन और 60% पाठ्यक्रम ऑफलाइन पढ़ा सकते हैं। प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय खोलने को लेकर विचार ही नहीं किया जा रहा है, जिसका कारण ऑनलाइन और अनौपचारिक शिक्षा को ही स्थापित करने की मंशा है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ही उच्च शिक्षण संस्थानों में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफ़वाईयूपी) लाने की तैयारी है। एफ़वाईयूपी में मल्टिपल एक्ज़िट पॉइंट्स द्वारा वंचित छात्रों के ड्रॉपआउट का पूरी तरह से औपचारिकीकरण किया जा रहा है।

एनईपी 2020 के द्वारा वंचित छात्रों का सार्वजनिक वित्त पोषित शिक्षा का अधिकार छीना जा रहा है और अनौपचारिक शिक्षा (ऑनलाइन और ब्लेंडेड शिक्षा) को बढ़ावा दिया जा रहा है। फलस्वरूप, जो पिछड़े तबकों के छात्र जो असल में सरकारी उच्च शिक्षण व्यवस्था से बाहर हैं, उनको शिक्षा पाने की संभावना को खत्म किया जा रहा है। संगठन इस नीति की कड़े शब्दों में निंदा करता है और मांग करता है की इस नीति को तुरंत वापस लिया जाए। साथ ही, संगठन तुरंत विश्वविद्यालय को खोलने और एफ़वाईयूपी को रद्द करने की भी मांग करता है।

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