
समस्तीपुर में एक बार फिर सदर अस्पताल प्रबंधन के संवेदनहीनता की तस्वीर देखने को मिली, जहां एक बच्चे की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मृत बच्चे के परिजन को स्ट्रेचर और शव वाहन तक उपलब्ध नही कराया गया।
मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिंघिया पोखरैरा गांव का है, जहां गुरुवार को गेंहू काट रही माँ को पानी पहुंचाकर पास में ही बूढ़ी गंडक नदी में स्नान करने के दौरान बच्चे की डूबकर मौत हो गई। जिसके बाद आनन-फानन में बच्चे को परिजनों द्वारा सदर अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
न्यूज़ एजेंसी समस्तीपुर टाउन के अनुसार, पिता अपने बेटे के शव को इमरजेंसी वार्ड से कंधे पर उठाकर बाहर निकले और फिर बाइक पर बीच में रखकर निकलने लगे। इस दौरान सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और मैनेजर भी वहीं मूकदर्शक बने दिखे। लेकिन, उन्हें अस्पताल प्रबंधन के द्वारा स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका।
हालांकि वहां मौजूद कुछ समाचार चैनलों के रिपोर्टरों व अस्पताल के कुछ कर्मी व अन्य मरीजों के परिजनों द्वारा समझाने पर पीड़ित पिता रोते-बिलखते सदर अस्पताल के गेट से वापस लौटकर पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हो गए। जिसके बाद बच्चे का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
आपको बता दें कि आये दिन सदर अस्पताल से इस तरह की तस्वीरें देखने को मिलती है। हर बार जांच के बाद कार्रवाई की बात कही जाती है, लेकिन व्यवस्था में सुधार होता नहीं दिखता है।