
वहीं, NASVI के राष्ट्रीय समन्वयक, श्री अरविंद सिंह ने कहा, "NDMC की स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट 2014 की अवहेलना बहरा है। अधिनियम के 8 साल बाद भी कोई सर्वेक्षण नहीं, कोई पहचान पत्र नहीं, कोई प्रमाण पत्र नहीं, कोई वेंडिंग जोन नहीं। यहां तक कि NDMC में केवल 10 प्रतिशत रेहड़ी-पटरी वालों को ही PMSVANIDHI ऋण दिया जाता है।"
NASVI ने बताया कि महामारी के शुरुआत के बाद से अधिनियम के संदर्भ में कई प्रगति हुई है जिसमें NDMC को छोड़कर अन्य दिल्ली नगर निगमों ने 76,000 से ज्यादा विक्रेताओं की पहचान की और वेंडिंग सर्टिफिकेट प्रदान किया। वे एक्ट का पालन करने में विफल रहे हैं और अधिनियम के कार्यान्वयन के संदर्भ में उनकी निष्क्रियता विक्रेताओं और उनकी आजीविका के लिए एक बड़ा नुकसान है। आधिकारिक पत्र भेजकर अध्यक्ष के साथ संपर्क स्थापित करने के कई प्रयास किये गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। NDMC के संबंधित अधिकारियों ने विक्रेताओं की जरूरतों के प्रति आँखें मूंद ली हैं और उनके मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण कर रहे हैं।
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NASVI ने जल्द से जल्द स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट, 2014 के तहत सर्वेक्षण करने व उसके आगे की प्रक्रिया में तेजी लाने तथा वेंडिंग जोन बनाने की मांग की।
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