स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा झटका, केस वापस लेने का फैसला खारिज




पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने चिन्मयानंद के खिलाफ प्रदेश सरकार द्वारा केस वापस लेने के फैसले को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने चिन्मयानंद को कोई राहत देने से इनकार कर दिया और उनके केस वापसी की अर्जी के खिलाफ पारित शाहजहांपुर जिला अदालत के फैसले को सही ठहराया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने शुक्रवार को दिया है। कोर्ट ने कहा कि पिक एंड चूज की पॉलिसी के तहत किसी खास व्यक्ति को राहत देने का फैसला सही नहीं है। टॉप टू बॉटम सभी लोगों के लिए कानून एक बराबर है। कमजोर लोगों को संरक्षण मुहैया कराना कानून की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने जुलाई माह में स्वामी चिन्मयानंद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार, सरकार की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता एके संड और पीड़िता के पति के अधिवक्ता संदीप शुक्ल व रफत रजा खान को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था।

बता दें कि स्वामी चिन्मयानंद पर हरिद्वार के अपने आश्रम में साल 2011 में एक शिष्या को बंधक बनाकर उसके साथ रेप करने का आरोप है। आश्रम से छूटने के बाद शिष्या और उसके परिवार वालों ने शाहजहांपुर की चौक कोतवाली में आईपीसी की धारा 376 व 506 में एफआईआर दर्ज कराई थी। राज्य सरकार ने 9 मार्च, 2018 को चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज रेप के केस को वापस लेने का निर्णय लिया था। सरकार के मुकदमा वापसी के फैसले की जानकारी शाहजहांपुर की अदालत को दी गई थी। शाहजहांपुर की अदालत ने सुनवाई के बाद मुकदमा वापसी के फैसले को गलत माना था और केस चलाए जाने की बात कही थी। निचली अदालत के इस फैसले को चिन्मयानंद ने वर्ष 2018 में ही याचिका दाखिल करके चुनौती दी थी। चिन्मयानंद की ओर से 76 साल की उम्र होने और कई गंभीर बीमारियां होने के आधार पर राहत की अपील की गई थी। शाहजहांपुर की जिला अदालत के इस फैसले के खिलाफ चिन्मयानंद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका दायर की थी।

लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इसी साल 27 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। हाईकोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि चिन्मयानंद से केस वापसी को लेकर पारित निचली अदालत के फैसले में कोई कमी नहीं है। अदालत ने चिन्मयानंद को 30 अक्तूबर तक शाहजहांपुर कोर्ट में सरेंडर करने को कहा है। इस बीच कोर्ट ने 30 अक्तूबर तक चिन्मयानंद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने को भी कहा है।


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