प्रतीकात्मक तस्वीर | फ़ोटो: USA Today |
बता दें कि यह घटना भारत में पहली घटना नहीं है। यह स्वच्छता कार्य के खतरों और लापरवाही की लगातार पोल खोलती रही है, जहां कर्मचारियों को बिना सुरक्षा उपकरण के मैनुअली सफाई के लिए सीवर में उतार दिया जाता है।
पुलिस ने दर्ज की FIR
पुलिस ने बताया कि इन दिहाड़ी मजदूरों को एक प्राइवेट एजेंसी संतोषी एलाइड सर्विसेज ने काम पर रखा था। वे बुधवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे सेक्टर 16 स्थित क्यूआरजी अस्पताल गए थे। सभी सफाई कर्मचारी - रोहित कुमार (23), उनके भाई रवि कुमार (24), विशाल (24) और रवि गोल्डर (25) दिल्ली के दक्षिणपुरी के रहने वाले थे। यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों मजदूरों में से कौन पहले अंदर गया।
पुलिस ने आगे बताया कि अस्पताल और सफाई एजेंसी के खिलाफ कर्मचारियों के भाइयों में से एक ने आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध अधिनियम, और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार की रोकथाम) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
अस्पताल और कंपनी ने दी सफाई
न्यूज़ ऐजेंसी एनबीटी के मुताबिक दिल्ली स्थित संतोषी एलाइड सर्विसेज के अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी के अस्पताल के साथ अनुबंध में छोटे नालों की सफाई शामिल है, न कि सीवर टैंक की। अस्पताल के सुपरवाइजर सतीश कुमार ने कहा, 'अस्पताल के साथ हमारा एक साल का अनुबंध है और हम महीने में पांच बार श्रमिकों को भेजते हैं। हमारे अनुबंध में सीवर की सफाई का जिक्र नहीं है। यही कारण है कि श्रमिकों के पास उपकरण नहीं थे।' साथ ही यह भी कहा कि पुरुष दिहाड़ी मजदूर थे और उन्हें अस्पताल की सफाई के लिए हर बार 700 रुपये दिए जाते थे। अस्पताल ने दावे को खारिज करते हुए कहा कि अनुबंध में सीवर पिट का रखरखाव शामिल है। क्यूआरजी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ महिंदर सिंह तंवर ने कहा कि मैनपावर की सुरक्षा के लिए कंपनी की एकमात्र जिम्मेदारी थी। हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं
फरीदाबाद में पिछले 5 सालों में 13 से अधिक लोगों की मौत सीवर की सफाई करने के दौरान हो चुकी है। खास बात ये है कि इनमें से कई में एफआईआर दर्ज की गईं, लेकिन अधिकांश में किसी भी आरोपी को जेल नहीं भेजा गया। इससे पहले 2 जुलाई 2022 को पलवल के हसनपुर में सीवर की सफाई करते समय सफाई कर्मचारी राजेश की दम घुटने से मौत हो गई थी। पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसके पति की मौत पब्लिक हेल्थ विभाग की लापरवाही के कारण हुई है, क्योंकि विभाग ने सीवर में उतरने के लिए कोई सेफ्टी किट नहीं दी।