CPI ने भारत के संघीय ढांचे की रक्षा के लिए किया दिल्ली में विरोध प्रदर्शन

फ़ोटो: CPI के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड अमरजीत कौर

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने भारत के संघीय ढांचे की रक्षा हेतु 29 दिसंबर, गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक धरना आयोजित किया। इस प्रदर्शन का संचालन शंकरलाल सीपीआई दिल्ली सचिवमंडल सदस्य व राष्ट्रिय परिषद सदस्य ने किया। प्रदर्शन में मुख्य वक्ता सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड अमरजीत कौर और सीपीआई दिल्ली राज्य परिषद के सचिव प्रोफेसर दिनेश वार्ष्णेय रहे।

सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड अमरजीत कौर ने कहा कि आज देश के संघीय ढांचे को खत्म करने में राज्यपाल व उपराज्यपाल का इस्तेमाल हो रहा है और स्वतंत्र रूप से राज्य सरकारों को चलने नहीं दिया जा रहा है जो जनता द्वारा चुनी हुई सरकारें है। मोदी सरकार राजभवनो का प्रयोग चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए प्रयोग कर रही है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में सरकार गिराने के उदाहरण हम सब के सामने है। यह महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा को दूर करने की बजाए बिचौलिया पूंजीवाद की भोंडी नीति पर काम कर रही है।

कौर ने आगे कहा, "जहाँ भाजपा की सरकारें हैं वहाँ राज्यपाल का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता और जहाँ दूसरी पार्टियों की सरकारें हैं वहाँ पर राज्यपाल व उपराज्यपाल का इस्तेमाल कर बार बार हमला क्यों किया जाता है?" साथ ही कौर ने राज्यपाल व उपराज्यपाल के पदों को समाप्त करने की मांग की।

प्रोफेसर दिनेश वार्ष्णेय ने कहा, "भारतीय संविधान देश की भिविन्नता में एकता के संघीय ढांचे को मजबूत बनाने की बात करता। हमें आज हर हालत में आज इसकी रक्षा करनी होगी। राज्यपाल व उपराज्यपाल एक मुख्यमंत्री नही हो सकते।"

अन्य वक्ता के तौर पर एआईवाईएफ के महासचिव थिरुमलाई रमन, कर्नाटक एआईवाईएफ के अध्यक्ष हरीश बाला, एआईवाईएफ के दिल्ली राज्य सचिव शशि कुमार, एवं अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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