
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने की मांग को लेकर 16 अप्रैल को पाडला, टोडाभीम (राजस्थान) से पैदल कूच करते हुए 26 अप्रैल, बुधवार को लगभग 300 किलोमीटर की दूरी 11 दिनों में तय कर दिल्ली में धरना आयोजित किया गया। यह धरना सौम्या मीणा के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें ईआरसीपी के प्रदेशाध्यक्ष जवान सिंह मोहचा, लोकेश मातासूला, मनीष मण्डेरु, गौरव मण्डेरु, अलकेश थानागाजी, लोकेश भजेडा, ललतेश मिर्जापुर, रामौतार जोरवाल, अभिराज टोडाभीम एवं अन्य महिला व पुरूष शामिल हुए।
ज्ञात हो कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में राज्य की लगभग 3.50 करोड़ जनसंख्या निवास करती है। इस क्षेत्र के सभी जिलों में भूमिगत जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है। जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में भारी जलसंकट की विषम परिस्थितियाँ उत्पन्न होने की संभावना है।
ईआरसीपी के प्रदेशाध्यक्ष जवान सिंह मोहचा ने कहा, 'बड़े खेद का विषय है कि आज तक सरकारों द्वारा जलसंकट की इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। जिसके परिणामस्वरूप यह क्षेत्र विकास, रोजगार व उद्योगों की दृष्टि से पिछड़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में सुधार के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ( ERCP) की परिकल्पना सरकार द्वारा की गई थी। परन्तु आज दिनांक: 26 अप्रेल, 2023 तक भी इस परियोजना का कार्य शुरू नहीं किया गया है। जिससे हमारे क्षेत्र की आम जनता, जीव जंतु सभी के सामने भीषण जल संकट की समस्या उत्पन्न होती जा रही है।'
वर्तमान व भविष्य की संभावित गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए प्रधानमंत्री नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमें पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने और पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में उत्पन्न हो रहे जलसंकट का जल्द से जल्द स्थाई समाधान करने की मांग की गई।