दिल्ली-एनसीआर डिलीवरी कंपनी 'ब्लिंकिट' के कर्मचारियों ने ऐप वर्कर्स यूनियन (ए डबल्यू यू) के साथ मिलकर 13 अप्रैल, गुरुवार को ब्लिंकिट के विभिन्न शाखाओं पर हड़ताल किया। जिसके कारण डिलीवरी दिनभर ठप रहा। यह हड़ताल, कंपनी द्वारा लाए गए नए वेतन ढांचे के खिलाफ किया गया।
कर्मचारियों की माने तो, जिन कर्मचारी को ब्लिंकिट द्वारा 'डिलीवरी पार्टनर' कहा जाता है, उन्हें 10 मिनट के भीतर किराने के पार्सल देने के लिए बेहद शोषणकारी परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। शोषणकारी कार्य स्थिति के बावजूद, कंपनी देश के श्रम कानूनों के अनुसार कर्मचारियों को कोई भी सुविधा नहीं देती है। अब कंपनी नए वेतन ढांचे को लागू कर कर्मचारियों के लिए और भी अधिक शोषणकारी स्थितियां ला रही है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कंपनी, कर्मचारियों को 50 रुपये प्रति डिलीवरी देती थी, जिसे बाद में घटाकर 25 रुपए प्रति डिलीवरी कर दिया गया था। बीते सोमवार से नए वेतन ढांचे के तहत कर्मचारियों को अब सिर्फ 15 रुपए प्रति डिलीवरी का ही भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा, कुछ समय स्लॉट में प्रति-डिलीवरी राशि 15 रुपये से भी कम होगी। यह नया वेतन ढांचा कर्मचारियों की कमाई को आधे से भी कम कर देगा।
कंपनी यह कहकर कर्मचारियों को धमकियां भी दे रही है कि नया वेतन ढांचा ऑप्ट-इन प्रक्रिया है। इसका तात्पर्य केवल यह है कि कंपनी ऐसे किसी भी कर्मचारी को वेतन नहीं देगी जो नए वेतन ढांचे का विकल्प नहीं चुनेगा। ऐप वर्कर्स यूनियन (ए डबल्यू यू) ब्लिंकिट को नए वेतन ढांचे को लागू करने की भर्त्सना की है और यह मांग की है कि नए वेतन ढांचे को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। यूनियन ने यह भी मांग की है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म कंपनियों की मनमानी और शोषणकारी नीतियों को तत्काल रोकने के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।