इस अभियान में हिस्सा लेने वालों ने नारों और पोस्टरों के माध्यम से देश के स्वास्थ्य संबंधी संकट को ले कर चिंता जताई।
CAMPAIGN FOR PEOPLE'S HEALTH RIGHTS//जन स्वास्थ्य अधिकार अभियान
— Krantikari Yuva Sangathan (KYS) (@krantikari_yuva) May 21, 2021
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22 MAY, 11 AM onwards
Hashtags: #VaccinateWorkersFirst #MedicalCampsForMasses #JanSwasthyaAdhikarAbhiyan pic.twitter.com/KbigakXdoF
कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने देश की खराब जन स्वास्थ्य व्यवस्था का चेहरा सामने ला दिया है।
यह साफ है कि भारत की जन स्वास्थ्य सेवाएं जनता की जरूरत के अनुसार अपर्याप्त हैं।
गाँवों/बस्तियों में फैल रहा है कोरोना,
— Jauddin (@Jauddin97) May 22, 2021
तुरन्त मेडिकल कैम्प लगाएँ जाएँ! #VaccinateWorkersFirst#MedicalCampsForMasses pic.twitter.com/8IIz7AGkld
लाखों लोग कोविड से संक्रमित हैं और उससे रोज हजारों मौतों हो रही है।
ज्ञात हो कि इन मौतों का एक बड़ा हिस्सा उन लोगों का है जिन्हे इलाज, हॉस्पिटल, डॉक्टर और ऑक्सिजन के अभाव से जान गंवानी पड़ी।
ज्ञात हो कि इन मौतों का एक बड़ा हिस्सा उन लोगों का है जिन्हे इलाज, हॉस्पिटल, डॉक्टर और ऑक्सिजन के अभाव से जान गंवानी पड़ी।
यह स्थिति और भी बिगड़ी क्योंकि सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद कर दिए गए, जिसके कारण मेहनतकश जनता को अन्य बीमारियों का जरूरी इलाज भी मिलना बंद हो गया।
कोरोनावायरस अन्य बीमारियों के साथ मिल कर घातक सिद्ध होता है, फिर भी भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था ने अन्य बीमारियों का इलाज देने की अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है।
देश की मेहनतकश आबादी का बड़ा हिस्सा पहले से ही सांस की समस्याओं, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से ग्रसित है।
अमीरो के पास सुरक्षा के सभी साधन है दो गज़ की जगह दस गज़ की दुरी भी बना सकते है,सेनेताईज़र खरीदने का पैसा है,तलबंदी से भूखे नही मारेंगे मजदूर और ग्रमीण लोगो के पास ये साधन नही है इसीलिये वैक्सीनेशन मे प्राथमिकता इन्हे मिलनी चाहिये#MedicalCampsForMasses #vaccinateWorkersFirst https://t.co/mdP0IbZL59 pic.twitter.com/ppyf5AgB2t
— ashish (@dasashish786) May 22, 2021
मेहनतकश आबादी में यह बीमारियाँ या स्वास्थ्य समस्याएं कई कारणों से पाई जाती हैं जैसे, पौष्टिक आहार की कमी, काम करने और रहने की जगहों में गंदगी, प्रदूषण, गंदा पीने का पानी, इलाज की कमी, इत्यादि।
आज इस वजह से कोरोनावायरस उनके लिए और भी घातक सिद्ध हो रहा है।
आगे केवाईएस का कहना है कि आज जब देश-भर में लोग स्वस्थ्य विपदा झेलने को मजबूर हैं, ऐसे समय में सरकार ने 20,000 करोड़ रुपए की बड़ी धनराशि को दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के निर्माण के लिए आवंटित किया है।
आगे केवाईएस का कहना है कि आज जब देश-भर में लोग स्वस्थ्य विपदा झेलने को मजबूर हैं, ऐसे समय में सरकार ने 20,000 करोड़ रुपए की बड़ी धनराशि को दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के निर्माण के लिए आवंटित किया है।
यह शर्मनाक है कि लोगों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के बजाए सरकार ने इतनी बड़ी राशि एक सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट में लगाए हैं।
जन स्वास्थ्य अधिकार अभियान ने सोशल मीडिया अभियान के तहत कुछ मांगे उठाई हैं जिनमें मजदूर मेहनतकश आबादी को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए; देश भर में मेडिकल कैंप और प्राथमिक उपचार केंद्रों की व्यवस्था की जाए; व्यापक तौर पर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, श्वास समस्याओं, इत्यादि की जांच की जाए और टीकों के उत्पादन का राष्ट्रीयकरण किया जाए, मांगें मुख्य हैं।
जन स्वास्थ्य अधिकार अभियान ने सोशल मीडिया अभियान के तहत कुछ मांगे उठाई हैं जिनमें मजदूर मेहनतकश आबादी को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए; देश भर में मेडिकल कैंप और प्राथमिक उपचार केंद्रों की व्यवस्था की जाए; व्यापक तौर पर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, श्वास समस्याओं, इत्यादि की जांच की जाए और टीकों के उत्पादन का राष्ट्रीयकरण किया जाए, मांगें मुख्य हैं।