DU राजनीति विज्ञान विभाग इंटरनल असेस्मेंट मामले में केवाईएस ने VC को सौंपा ज्ञापन, अब UGC और MoE तक जाने का भी किया ऐलान

DU राजनीति विज्ञान विभाग इंटरनल असेस्मेंट मामले में केवाईएस ने VC को सौंपा ज्ञापन, अब UGC और MoE तक जाने का भी किया ऐलान।




क्रांतिकारी युवा संगठन ( केवाईएस) ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को राजनीति विज्ञान विभाग के संबंध में ज्ञापन भेजकर विभाग द्वारा कराये जा रहे आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेस्मेंट) में डीयू के दिशा-निर्देशों के खुले तौर पर उल्लंघन करने का उल्लेख किया। ज्ञात हो कि न केवल विभाग द्वारा डीयू के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है, बल्कि राजनीति विज्ञान विभाग इकलौता विभाग है जो इंटरनल असेस्मेंट ओपन बुक एग्जामिनेशन (ओबीई) प्रणाली में करा रहा है। बाकी सभी विभाग असाइन्मंट के आधार पर ही इंटरनल असेस्मेंट करा रहे हैं। साथ ही, पिछली बार भी डीयू के दिशा-निर्देश का उल्लंघन कर राजनीति विज्ञान विभाग ने इंटरनल असेस्मेंट को ओबीई के तहत लिया था। इसके कारण, इंटरनल असेस्मेंट और सेमेस्टर-अंत परीक्षा के परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुए हैं।

ज्ञात हो कि इस फैसले से एम.ए. राजनीति विज्ञान के छात्रों में चिंता की स्थिति बन गई है, जिनके इंटरनल असेस्मेंट जून के महीने में होंगे। आगामी इंटरनल असेस्मेंट मूल रूप से सेमेस्टर के अंत की परीक्षा के समान हैं, जो छात्रों पर बड़ा बोझ साबित होंगे। राजनीति विज्ञान विभाग को ओपन बुक एग्जामिनेशन (ओबीई) प्रणाली में कराए जाने के विषय में कल केवाईएस ने विभागाध्यक्ष को भी ज्ञापन सौंपा था, लेकिन छात्रों की परेशानियों को लेकर विभाग का रवैया उदासीन बना हुआ है।

यह फैसला सीधे-सीधे इंटरनल असेस्मेंट के संदर्भ में डीयू के दिशानिर्देश का उल्लंघन करता है। दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन (एग्जामिनेशन) द्वारा अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रेजुएट (फर्स्ट और थर्ड सेमेस्टर) हेतु 19.02.2021 को दिया गया नोटिस के अनुसार 31.10.2020 को जारी नोटिस के तहत ही इंटरनल असेस्मेंट रखा जाएगा। इस नोटिस में साफ लिखा है कि कोविड-19 के दौरान इंटरनल असेस्मेंट के तीन भागों - क्लास टेस्ट, ट्यूटोरियल टेस्ट और अटेंडेंस में से केवल एक भाग, इंटरनल असाइनमेंट, से ही इंटरनल असेस्मेंट लिया जाएगा।

ज्ञात हो कि देश में स्वास्थ्य संकट के कारण बहुत चिंताजनक स्थिति है, कोविड के मामले बढ़ते जा रहे हैं और आम जनता मेडिकल सुविधाएं, हॉस्पिटल बेड, इलाज इत्यादि की कमी से जूझ रही है। महामारी और स्वास्थ्य संकट के चलते लाखों लोगों में संक्रमण और रोज़ाना हजारों मौत के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में छात्रों का एक बड़ा हिस्सा या तो खुद बीमार है या बीमार घर वालों का ध्यान रखने में व्यस्त है, या किसी करीबी को खो चुके हैं। इसके साथ ही कई राज्यों में लॉकडाउन है जिसके कारण असंख्य परिवारों ने अपनी आय के साधन खो दिए हैं।

ऐसी गंभीर स्थिति में, जब छात्रों के पास लाइब्रेरी, प्रिंटेड स्टडी मटेरियल, किताबों, इत्यादि की कमी है, ओबीई में इंटरनल असेस्मेंट के फैसले से चिंताजनक स्थिति उपजी है। ऐसे में उनके लिए विषय पढ़ना, उसे समझना और छोटी-सी अवधि में ओबीई मोड में इंटरनल असेस्मेंट देना नामुमकिन है। इस संकट के समय में इंटरनल असेस्मेंट को प्राथमिकता नहीं दी जा सकती है। ओबीई जैसी भेदभावपूर्ण प्रणाली से छात्रों में अफरा तफरी फैलेगी और साथ ही छात्रों का एक बड़ा हिस्सा निष्पक्ष मूल्यांकन से वंचित हो जाएगा।

केवाईएस ने डीयू कुलपति को ज्ञापन भेजकर यह मांग किया है कि राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा लिए गए इस फैसले को तत्काल वापस लिया जाए, खासकर तब जब इससे विश्वविद्यालय के दिशानिर्देश का सीधे-सीधे उल्लंघन हो रहा है, और असाइन्मंट बेस्ड इवैल्यूएशन (एबीई) प्रणाली के तहत इंटरनल असेस्मेंट का आयोजन किया जाए। साथ ही, विभाग द्वारा कोई भी परीक्षा संबंधी और अकादमिक फैसले से पहले शिक्षकों और छात्रों से विचार विमर्श होना चाहिए।

केवाईएस राजनीति विज्ञान विभाग की इस भेदभावपूर्ण प्रणाली के खिलाफ यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय के समक्ष ले जाने का ऐलान करता है।

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