
घटना शनिवार शाम की है जब मार्शाघई थाना क्षेत्र के तिखीरी गांव में रहने वाले सरपंच चमेली ओझा मंदिर के लिए चंदा मांगने के लिए गुरुचरण मलिक के घर गए थे। पुलिस ने बताया कि मलिक ने सरपंच से कहा कि वह पहले ही मंदिर के लिए चंदा दे चुका है। इस पर सरपंच ने खरीखोटी सुनाई। आरोप है कि सरपंच ने दलित और उसकी पत्नी रेखा को अपशब्द कहे।
पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने वाली मलिक की पत्नी रेखा ने अपनी शिकायत में कहा है कि शनिवार को हुई इस घटना के बाद रविवार को गांव में पंचायत बुलाई गई। जिसमें सरपंच ने फरमान सुनाया कि उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इतने पर भी जी नहीं भरा तो स्थानीय लोगों और सरपंच ने थूककर दलित व्यक्ति के नाक उसके थूक में रगड़ने को कहा गया।
पीड़ित की पत्नी रेखा का आरोप है कि उसके पति को ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया। उसकी मजबूरी भी थी क्योंकि यह ग्राम समिति का आदेश था। वहीं सरपंच ने रेखा के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि रेखा और उसका पति झूठ बोल रहा है, गांव में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
वहीं मार्शाघई थाना प्रभारी पीके कानूनगो ने कहा कि सरपंच और कुछ ग्रामीणों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि जांच की जा रही है। उसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।