
आमआदमीपार्टी के ट्विटर हैंडल से किये गए एक ट्वीट में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये मज़दूर नहीं, निर्माता है। भारत का भाग्य विधाता है। बाबा साहेब और भगत सिंह के सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ऐसी योजनाएं बना रहे हैं कि जिन्हें कुदरत से सबसे कम मिला, उन्हें सरकार से ज़्यादा मिले। वहीं दूसरे ट्वीट में लिखा कि दिल्ली में चाहे महिला काउंसलर हो या मज़दूर हो, सभी के लिए बस का सफ़र फ्री है! हमने न्यूनतम मज़दूरी ₹ 8000 से ₹ 16000 की तो बीजेपी इसके ख़िलाफ़ भी कोर्ट चली गयी थी। हमने लड़ कर कानून पास करवाया। आज देश में सबसे ज़्यादा न्यूनतम मज़दूरी दिल्ली में मिलती है। निर्माण स्थलों पर काम करने वाले बढ़ई, मिस्त्री, इलेक्ट्रिशियन, गार्ड, मजदूर सभी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
ये मज़दूर नहीं, निर्माता है।
— AAP (@AamAadmiParty) May 4, 2022
भारत का भाग्य विधाता है।
बाबा साहेब और भगत सिंह के सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ऐसी योजनाएं बना रहे हैं कि जिन्हें कुदरत से सबसे कम मिला, उन्हें सरकार से ज़्यादा मिले।
- Dy CM @msisodia pic.twitter.com/WaQCm9XkFV
दिल्ली में चाहे महिला Collector हो या मज़दूर हो, सभी के लिए Bus का सफ़र Free है!
— AAP (@AamAadmiParty) May 4, 2022
हमने न्यूनतम मज़दूरी ₹ 8000 से ₹ 16000 की तो BJP इसके ख़िलाफ़ भी Court चली गयी थी। हमने लड़ कर कानून पास करवाया। आज देश में सबसे ज़्यादा न्यूनतम मज़दूरी Delhi में मिलती है।
-Dy CM @msisodia pic.twitter.com/1V9KOU3Lk5
न्यूनतम मजदूरी की बातें निकली झूठी
जब एनडीडी न्यूज़ न्यूनतम मजदूरी का पता लगाने दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके में गया तो पाया कि मजदूर 6000 से 10000 प्रति महीना के वेतन पर काम करने को मजबूर हैं जिन्हें अबतक पीएफ-ईएसआई का लाभ भी नहीं मिल रहा है। वहीं मजदूर एकता केंद्र से जुड़े एक मजदूर ने मनीष सिसोदिया के न्यूनतम मजदूरी वाले बयान को जुमला ठहराया, और कहा कि उन्हें खुद यहाँ के फैक्टरियों में आकर मजदूरों से बात करनी चाहिए।