दिल्ली में महिलाओं के बाद निर्माण मजदूर के लिए बस फ्री, न्यूनतम मजदूरी वाले बयान देकर फंसे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया


दिल्ली में महिलाओं के बाद अब निर्माण मजदूर भी बसों में फ्री सफर कर सकेंगे। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह बड़ा ऐलान करते हुए बुधवार को इसकी घोषणा की है। दिल्ली में अब निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को दिल्ली सरकार की बसो में किराया नहीं देना होगा। महिलाओं के बाद अब मजदूर भी दिल्ली में फ्री बस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। दिल्ली में निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के लिए केजरीवाल सरकार बुधवार से मुफ्त बस पास देगी।

आमआदमीपार्टी के ट्विटर हैंडल से किये गए एक ट्वीट में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये मज़दूर नहीं, निर्माता है। भारत का भाग्य विधाता है। बाबा साहेब और भगत सिंह के सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ऐसी योजनाएं बना रहे हैं कि जिन्हें कुदरत से सबसे कम मिला, उन्हें सरकार से ज़्यादा मिले। वहीं दूसरे ट्वीट में लिखा कि दिल्ली में चाहे महिला काउंसलर हो या मज़दूर हो, सभी के लिए बस का सफ़र फ्री है! हमने न्यूनतम मज़दूरी ₹ 8000 से ₹ 16000 की तो बीजेपी इसके ख़िलाफ़ भी कोर्ट चली गयी थी। हमने लड़ कर कानून पास करवाया। आज देश में सबसे ज़्यादा न्यूनतम मज़दूरी दिल्ली में मिलती है। निर्माण स्थलों पर काम करने वाले बढ़ई, मिस्त्री, इलेक्ट्रिशियन, गार्ड, मजदूर सभी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।

न्यूनतम मजदूरी की बातें निकली झूठी
जब एनडीडी न्यूज़ न्यूनतम मजदूरी का पता लगाने दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके में गया तो पाया कि मजदूर 6000 से 10000 प्रति महीना के वेतन पर काम करने को मजबूर हैं जिन्हें अबतक पीएफ-ईएसआई का लाभ भी नहीं मिल रहा है। वहीं मजदूर एकता केंद्र से जुड़े एक मजदूर ने मनीष सिसोदिया के न्यूनतम मजदूरी वाले बयान को जुमला ठहराया, और कहा कि उन्हें खुद यहाँ के फैक्टरियों में आकर मजदूरों से बात करनी चाहिए।

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