मध्यप्रदेश में असामाजिक तत्वों ने तोड़े दलित महिला के हाथ-पैर

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की इछावर तहसील के ग्राम मूंडला के अनुसूचित जाति के एक पीड़ित परिवार कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और आवेदन दिया। समाचार एजेंसी नई दुनिया के अनुसार पवित्रा बाई के द्वारा आवेदन में कहा गया है कि हमारी करीब 20 साल से शासकीय भूमि पर कब्जा है। जिस पर हम खेती करके जीवन यापन कर रहे हैं। हमारी जमीन के पास रिक्त भूमि पर गौशाला बन रही है, जो कि हमारे खेत से बहुत दूरी पर है। जहां अतिरिक्त भूमि रिक्त पड़ी हुई है, लेकिन गांव के दबंग कैलाश सेंधव, कल्याण सिंह एवं प्रवीण उर्फ परवीन के द्वारा हमारी जमीन को हड़पने की नियत से हमारी जमीन छुड़ाने की भरसक कोशिश की जा रही है, जब हम देवरानी-जिठानी चौकीदार के साथ समझाने पहुंची तो जिठानी पर हमला कर गंभीर घायल कर फरार हो गई, जिसकी रिपोर्ट करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाए।

आवेदन में यह भी बताया गया कि 3 सितम्बर को सुबह सात बजे के लगभग मैं और मेरी जिठानी राजकुवंरबाई दोनो चौकीदार को साथ लेकर कैलाश के घर यह समझाने गए थे कि हमारी भूमि को मत छीनिए। हम गरीब लोग बिना भूमि के भूखे मर जाएंगे। हमारी बातचीत हो रही थी तभी कैलाश ने मेरी जिठानी के दोनों हाथ पकड़ लिए और उसके लडक़े कल्याणसिंह एवं प्रवीण उर्फ परवीन दोनों आए और हमें अनुसूचित जाति सूचक शब्दों से अपमानित करते हुए कहा कि भागो यहां से और डण्डे से मेरी जिठानी राजकुंवर को बेरहमी से मारने लगे, जिससे उनके बाया हाथ और बायाँ पैर भी टूट गया और पिंडली कमर व शरीर के अन्य हिस्सों में गहन चोट आई। मैं जिठानी राजकुवंर बाई को बचाने के लिए गुहार लगाती रही, लेकिन तीनों लोग पीटते रहे। यह लोग मेरी जीठानी को गंभीर हालत होने पर छोड़कर चले गए तब चौकीदार ने थाने में फोन लगाया तब मौके से पुलिस द्वारा मेरी जीठानी को उठाकर इछावर के अस्पताल ले जाया गया, जहां से मेरी जिठानी की गंभीर हालत को देखते हुए सीहोर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। तब मुझ पवित्रा बाई के द्वारा अजा थाने में इन तीनों के नाम से रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन रिपोर्ट में कैलाश सेंधव व कल्याण सिंह को आरोपित नहीं बनाया गया। मेरे द्वारा बार-बार निवेदन करने के बाद भी केवल प्रवीण उर्फ परवीन पर ही प्रकरण बनाया गया। जब मुझ अशिक्षित ने रिपोर्ट पढ़वाई तो पता चला कि मात्र एक ही आरोपित का नाम है। जबकि बचे हुए मुख्य आरोपित कैलाश सेंधव एवं कल्याण सिंह के नाम रिपोर्ट में नहीं डाली गई है और न ही अभी तक इनको गिरफ्तार किया गया है, जिसके कारण इन लोगों के होसले बुलंद और हमें गांव से भगाने एवं जान से मार देने की धमकी दी जा रही है। 

पीड़ित परिवार ने तीनों आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।

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