
आरोपित मालिक मो.रियाज भी हायाघाट प्रखंड के ही बिलासपुर गांव का निवासी है। वह सात महीने पहले एक अत्यंत गरीब दंपति को उसके 12 वर्षीय बेटे को अपने चूड़ी कारखाने में काम करवाने अपने साथ जयपुर ले गया। बुधवार को जयपुर पुलिस का फोन पीड़ित बच्चे के परिजनों के पास आया तब इस मामले का खुलासा हुआ। बच्चा फिलहाल जयपुर पुलिस के संरक्षण में है। दंपति ट्रेन पकड़कर जयपुर रवाना हो गए हैं।
बच्चे के घर पर रह रहे उसके दो बड़े भाइयों ने बताया कि उनके माता-पिता पुलिस का फोन आने के बाद जयपुर गए हैं। भाइयों के अनुसार रियाज उसके भाई को काम पर लगाने के लिए अपने साथ जयपुर ले गया था। वहां चूड़ी कारखाने में उससे दिन-रात काम करवाता था और बदले में कुछ नहीं देता था। खाना मांगने पर भी सिर्फ चाय-बिस्कुट देता था। उसके भाई के साथ रजाक एवं उसकी पत्नी भी मारपीट करती थी। यातना देने के लिए वे उसे चाकू से काटकर भी जख्मी कर देते थे।
पीड़ित के भाइयों की मानें तो रजाक उसके भाई के साथ अनैतिक कार्य भी करता था। जयपुर पुलिस सूत्रों के अनुसार मंगलवार की शाम एक घायल बच्चा रेंगता हुआ पड़ोसी के घर पहुंचा और उनसे मदद मांगने लगा। फिर सड़क पर आकर रोने लगा। उसके जले हुए तलवे में इतना जख्म था कि दर्द और भूख के कारण उसके मुंह से स्पष्ट बोली नहीं निकल पा रही थी। लोगों ने पुलिस एवं चाइल्डलाइन को सूचना देकर उसे बुलाया। पुलिस के अनुसार उसके तलवे एवं शरीर पर काफी जख्म थे। काफी पूछताछ के बाद बच्चे ने अपनी आपबीती सुनाई तो सभी दंग रह गए।
आरोपित रजाक की मां का कहना है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। रजाक से उनका संबंध विच्छेद वर्षों पहले हो चुका है। दूसरी ओर रजाक के बड़े भाई अकबर ने भी घटना के संबंध में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उनको इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
जानकारी के अनुसार, बच्चे को मालिक ने सात महीने से कैद कर रखा था और उससे 17-18 घंटा काम करवाता था। उसके साथ मालिक अनैतिक कार्य भी करता था। पुलिस ने बच्चे से मोबाइल नंबर लेकर उसके माता-पिता से बात करवाई। बच्चे ने मोबाइल पर रोते हुए सारा वृतांत बताया। जयपुर स्थित शास्त्रीनगर इलाके में मक्का मस्जिद के पास घटित इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपित के ठिकाने पर छापेमारी की लेकिन वे फरार हो चुके थे।